शुक्रवार, 19 मार्च 2021

हमारी छोरियां.......

लड़कियां लड़को से कम नही कहते है ऐसा ......
   सच है ये लेकिन लोग मानते नही , बस लोग देखा देखी ऐसा बोलते है की हम भी हां में हां मिलाएंगे तो हम भी जमाने के साथ चल रहे है ऐसा सोचा जायेगा ।
लेकिन अफसोस इन लोगो की सोच वही पिछड़ी रहती है।
कहते तो सीना तान के है ।
" हमारी छोरी छोरो से कम है के"
            लेकिन जब मानने की बात आती है तो बेटा ही पहले आता है । घर का वारिश हो ,तो बेटा ही पैदा करना बेटी नही चाहिए। आगे पढ़ाई करनी है तो बेटा करेगा बेटियां तो ससुराल जाएंगी वो क्या करेंगी पढ़ के।
अब क्या करे बताओ ऐसी दोहरी मानसिकता के लोगो का ,शर्म आनी चाहिए इन लोगो को मुंह से कुछ और और दिमाग में कुछ और रखते है।
बिना नारी संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती ,पुरुष के पास जो शक्ति है वो भी नारी का ही रूप है। 
नारी से ही सृष्टि है ,नारी से ही स्वास ,लेकिन सोच बदलनी होगी तभी कुछ चमत्कार होगा ।
      "या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः।।

सोमवार, 14 दिसंबर 2020

कोई समझ ना सका

दर्द है बस इतना की कोई समझ ना सका.....
      सब कहते तो रहे हम तुम्हारे है पर कोई बन ना सका.....
दे कर दुहाई अपनी मजबूरियों की मुंह मोड़ गए.....
दर्द है बा इतना की कोई समझ ना सका...…।  

सोमवार, 7 सितंबर 2020

दिल इस तरह से.....

यूं टूटा दिल इस तरह से की आवाज ना आई.....
दर्द सह गए हम उसकी नज़रें देख ना पाई......
रह - रह कर सिसकियां भरते रहे , कमबख्त किसे दिखाएं दिल के टुकड़े......
जिसे चाहते थे उसी ने दिल को ये चोट पहुंचाई ....   
               यूं टूटा दिल इस तरह से की आवाज ना आई...... 

मंगलवार, 25 अगस्त 2020

पहली शुरुवात अपने घर से क्यों नहीं ......?


कहते है .... किसी भी काम की शुरुवात अपने घर से होती है । चाहे काम बड़ा हो या छोटा , लेकिन लोग जब गंदगी करते है तो घर में कु शुरुवात नहीं करते । बाहर खुले में थूकना ,फेंकना और नजाने क्या क्या .….मेरा अभिप्राय आप समझ ही गए होंगे इस क्या क्या से ।

तो भई आप लोग क्यों नहीं घर में थूकते फेंकते जैसा बाहर करते है । घर में भी किया कीजिए ना ,ये घर तो आपके बाप का ही है ना ,या नहीं भी है तो किराया तो देते ही हो ना ।

हद करते है लोग अपने घरों को तो ऐसा साफ सुथरा चमका कर रखेंगे ,लेकिन बाहर क्यूं इनको ऐसा करने की हिम्मत आ जाती है । माफ़ कीजियेगा दोस्तो लेकिन गुस्सा बहुत है दिल में बस कह नहीं पाते तो लिख लेते है। किसी को समझाओ तो उल्टा हमें ही सुना देते है " तेरे बाप" की जगह हैं ।

बताइए क्या करे ...... प्रधान मंत्री जी कब से लगे है की स्वच्छता अपनाओ लेकिन लोगों को गंदगी में ही आनंद है।

कुछ लोग है जो इस बात को पूरा अपना रहे है , तो मान जाओ ना मेरे भाइयों तुम भी अपना लो बाहर ना करो यार गंदगी ,देश अपना घर ही है भाई .... तिरंगा जब ऊंचाई से अपने देश को देखता होगा तो गंदगी भी दिखती होगी यार ,बस अब और नहीं ये दृश्य गंदगी का इस को अब जीवन से दूर करो ।

संकल्प लो अपने जीवन में ये गंदगी शब्द ही दूर करेंगे।

हम बाहर के देशों को देखते ही रह जाते है ,कितने साफ सुथरी सडके ,क्या ये सब हमारे देश में नहीं संभव ,बिल्कुल संभव है अगर हम ठन ले तो कुछ भी हो सकता है बस संकल्प लेने की जरूरत है । हर घर से एक गांधी निकले हर एक घर से साफ सफाई के लिए तैयार हो अपनें घर से ही शुरुवात करते है दोस्तो ।आज से ही अभी से ही और अपने देश के हर कोने को साफ बनाने का प्रण लेते है।

" हम संकल्प लेते है हम अपने देश को स्वच्छ बनाएंगे"

"जय हिंद"

माफ़ कीजियेगा कुछ कहा सुना हुआ ।

आप तो अपने हो , अपनों से क्या झिझक बस दिल की बात बोली है ,इस बात को दिल से करना और दिल से निभाना ।

नमस्कार दोस्तो🙏

सोमवार, 22 जून 2020

कोई तो हो.....

कोई तो हो जिसे दिल का हाल बता सके.....
कोई तो हो जिसे अपने जख्म दिखा सके....
तपती धूप में कोई छांव बना जाए मेरी.....
आंखो की नींद ,दिल का सकून बन जाए कोई....
कोई तो हो जिसे दिल का हाल बता सके ।

मंगलवार, 9 जून 2020

काल

किस काल में है हम ....
    भूत , भविष्य , वर्तमान कोई बताए जरा....
ना भविष्य के सपने , ना भूत की स्मृतियां ,ना वर्तमान की चिंता .....
ये काल तो ऐसा काल है जो कोरोना काल है....
बस किस पल क्या हो जाए , मौत का डर है चारों ओर .....
काल काल कोरोना काल.........