मंगलवार, 25 अगस्त 2020

पहली शुरुवात अपने घर से क्यों नहीं ......?


कहते है .... किसी भी काम की शुरुवात अपने घर से होती है । चाहे काम बड़ा हो या छोटा , लेकिन लोग जब गंदगी करते है तो घर में कु शुरुवात नहीं करते । बाहर खुले में थूकना ,फेंकना और नजाने क्या क्या .….मेरा अभिप्राय आप समझ ही गए होंगे इस क्या क्या से ।

तो भई आप लोग क्यों नहीं घर में थूकते फेंकते जैसा बाहर करते है । घर में भी किया कीजिए ना ,ये घर तो आपके बाप का ही है ना ,या नहीं भी है तो किराया तो देते ही हो ना ।

हद करते है लोग अपने घरों को तो ऐसा साफ सुथरा चमका कर रखेंगे ,लेकिन बाहर क्यूं इनको ऐसा करने की हिम्मत आ जाती है । माफ़ कीजियेगा दोस्तो लेकिन गुस्सा बहुत है दिल में बस कह नहीं पाते तो लिख लेते है। किसी को समझाओ तो उल्टा हमें ही सुना देते है " तेरे बाप" की जगह हैं ।

बताइए क्या करे ...... प्रधान मंत्री जी कब से लगे है की स्वच्छता अपनाओ लेकिन लोगों को गंदगी में ही आनंद है।

कुछ लोग है जो इस बात को पूरा अपना रहे है , तो मान जाओ ना मेरे भाइयों तुम भी अपना लो बाहर ना करो यार गंदगी ,देश अपना घर ही है भाई .... तिरंगा जब ऊंचाई से अपने देश को देखता होगा तो गंदगी भी दिखती होगी यार ,बस अब और नहीं ये दृश्य गंदगी का इस को अब जीवन से दूर करो ।

संकल्प लो अपने जीवन में ये गंदगी शब्द ही दूर करेंगे।

हम बाहर के देशों को देखते ही रह जाते है ,कितने साफ सुथरी सडके ,क्या ये सब हमारे देश में नहीं संभव ,बिल्कुल संभव है अगर हम ठन ले तो कुछ भी हो सकता है बस संकल्प लेने की जरूरत है । हर घर से एक गांधी निकले हर एक घर से साफ सफाई के लिए तैयार हो अपनें घर से ही शुरुवात करते है दोस्तो ।आज से ही अभी से ही और अपने देश के हर कोने को साफ बनाने का प्रण लेते है।

" हम संकल्प लेते है हम अपने देश को स्वच्छ बनाएंगे"

"जय हिंद"

माफ़ कीजियेगा कुछ कहा सुना हुआ ।

आप तो अपने हो , अपनों से क्या झिझक बस दिल की बात बोली है ,इस बात को दिल से करना और दिल से निभाना ।

नमस्कार दोस्तो🙏

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