सोमवार, 14 दिसंबर 2020

कोई समझ ना सका

दर्द है बस इतना की कोई समझ ना सका.....
      सब कहते तो रहे हम तुम्हारे है पर कोई बन ना सका.....
दे कर दुहाई अपनी मजबूरियों की मुंह मोड़ गए.....
दर्द है बा इतना की कोई समझ ना सका...…।  

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