मेरी कलम से....✍️
सोमवार, 7 सितंबर 2020
दिल इस तरह से.....
यूं टूटा दिल इस तरह से की आवाज ना आई.....
दर्द सह गए हम उसकी नज़रें देख ना पाई......
रह - रह कर सिसकियां भरते रहे , कमबख्त किसे दिखाएं दिल के टुकड़े......
जिसे चाहते थे उसी ने दिल को ये चोट पहुंचाई ....
यूं टूटा दिल इस तरह से की आवाज ना आई......
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